हेलो दोस्तों आज हम बात करने वाले है, कि किसी भी देश की सरकार बहुत सारा पैसा छाप कर अमीर क्यों नहीं बन जाती |वह ऐसा क्यों नहीं करती इस बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे इसके लिए आपको पूरी पोस्ट को पढ़ना होगा |
Why no government makes our country rich by printing a lot of money
#RBIGuidelines
जब किसी भी देश के पास अपनी करेंसी या पैसे छापने की मशीन होती है|तो वह क्यों नहीं अपने देश को पैसे छाप कर अमीर बना देती है, और अपने देश को गरीब से अमीर बना लेती है|
आपकी जानकारी के लिए बता दूं ,कि ऐसा कोई कानून भी नहीं है, कि वह किसी देश को पैसे छापने के लिए रोक सके |
क्या कारण है कि कोई भी देश ऐसा क्यों नहीं करता –
किसी भी देश में कितने नोट छापने है ,यह वहां की सरकार सेंट्रल बैंक जीडीपी, सरकारी खजाने का घाटा मुनाफा और वहां की विकास दर के हिसाब से तय किया जाता है| हमारे भारत में रिजर्व बैंक तय करती है, कि कितने नोट छापने है, और नीति आयोग यह फैसला लेता है, कि भारतीय खजाने में से कितना कहा खर्च करना है |
भारत में नोटों की छपाई मिनिमम रिजर्व सिस्टम के आधार पर की जाती है| यह प्रणाली भारत में 1997 से लागू है| इसी के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक को इस बात का अधिकार होता है, कि वह हर समय अपने पास ₹200 करोड़ तक की रकम रख सकती है |
किसी भी देश में बनने वाली गुड्स एंड सर्विस यानी कि सामान और सेवा की कीमत उस देश की प्रजेंट करेंसी के बराबर होती है| यानी कि देश में जो सामान की कीमत होती है, वह उस देश की प्रजेंट करेंसी के बराबर होती है |
चलिए अब इस बात को एक उदाहरण से समझते हैं – सरकार ने खूब सारे रुपए छाप लिए और अपने सभी नागरिकों को देकर उन को अमीर बना दिया, और अब सब के पास लाखों रुपए हैं| तो अब मार्केट में एक सामान खरीदने जाएंगे तो जिसकी कीमत पहले ₹100 थी , जो अब वह दुकानदार उसे सामान को एक ₹100 में नहीं देगा, क्योंकि अगर वह पहले से ₹10 बचा रहा था| तो अब उससे सामान पर ₹10 बचाकर कुछ भी फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि हम उसके पास लाखों रुपए हैं और ₹10 की कोई वेल्यू मार्केट में नहीं है |
इसीलिए दुकानदारों से सामान की कीमत को कई गुना ज्यादा बढ़ा देगा, और इस तरह कच्चे माल से लेकर तैयार माल तक सभी चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी, और देश में महंगाई आसमान छूने लगेगी |
किसी भी प्रकार की परेशानी फिर भी कुछ दिनों तक इसीलिए नहीं होगी, क्योंकि सब के पास बहुत पैसा है, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद स्थिति भयावह हो जाएगी |
कौन-कौन से देश ने ऐसा किया है और उसका क्या क्या परिणाम निकला है
अब तक 3 देशों ने ऐसा किया है-
- Germany – (प्रथम विश्व युद्ध में हार के बाद)
- Zimbabwe
- Venezuela
ऐसा करने का क्या परिणाम निकला
जर्मनी ने जब ऐसा करने से वहां की करेंसी की कोई वैल्यू ही नहीं रही, और वहां की महंगाई आसमान छू गई|
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला ने केंद्रीय बैंक के अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए ढेर सारे नोट छापने वाला देश वेनेजुएला, वहां महंगाई हर 24 घंटे में बढ़ने लगी, यानी कि खाने-पीने की चीजों के दाम रोजाना डबल हो जाते थे| बाजार में रोजमर्रा के सामान मिलना बंद हो गया थे |यहां 1 लीटर दूध और अंडे खरीदने की खातिर लोगों को लाखों खर्च करने पड़ते थे |
Zimbabwe ने भी अपनी गरीबी दूर करने के लिए एक समय बहुत सारे नोट छाप कर ऐसी गलती की थी| इससे वहां की करेंसी की वैल्यू इतनी गिर गई कि लोगों को डेली यूज़ का सामान जैसे कि ब्रेड और अंडे जैसी बुनियादी चीजें खरीदने के लिए भी थैली भर-भर कर नोट दुकान पर ले जाने पढ़ते थे| नोट ज्यादा छापने की वजह से वहां एक अमरीकी डॉलर की वैल्यू मिलियन बराबर हो गई थी| यहां अपने आप में सुनने के बाद ही भयावह लगता है|
भाई ये तो ठीक है पर सभि देसी की मुद्रा में अंतर क्यों होता है
जैसे डॉलर में लगभग 80 रुपए होते है ओर युरो में 90
#Harshitkumar "Nice question we will answer this in the next post "