हेलो दोस्तों हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है आज हम आपको कंप्यूटर के बारे में बेसिक जानकारी को इस पोस्ट के माध्यम से बताएँगे इस पोस्ट को सुरु से आखरी तक पूरा पड़े और अपने दोस्ती के साथ शेयर करे ।
कंप्यूटर क्या है :
कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है , जो यूजर द्वारा इनपुट किए गए डाटा में प्रक्रिया करके सूचनाओं को रिजल्ट के रूप में प्रदान करता है । अर्थात कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है , जो यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करती है इसमें डाटा को स्टोर पुनर्प्राप्ति प्रोसेस करने की क्षमता होती है ।
कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया है इन्हें मॉडर्न कंप्यूटर का जनक कहा जाता है ।
Computer ka full form :
कंप्यूटर का कार्य :
Computer मुख्य रूप से तीन रूप में काम करता है।
( Input ). — Mose , keyboard , scanner, webcam , joystick etc.
( Processer ) — CPU , processor
( Output ) — monitor , printer
1. Input device :
इनपुट डिवाइस कंप्यूटर का एक पार्ट है । अर्थात एक हार्डवेयर डिवाइस है जो कंप्यूटर को डेटा प्रदान करते है ,हम जिस किसी भी डिवाइस के द्वारा कंप्यूटर में कुछ भी इनपुट करते हैं तो उससे इनपुट डिवाइस कहतेे हैं । input device का सबसे अच्छा उदाहरण keyboard है ।
1. Input device :
Ex. — keyboard , mouse , joystick , light pen , scanner , microphone etc.
2. processor :
3. Output device :
वे डिवाइस जो कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस द्वारा दिए गए निर्देशों को प्रोसेसिंग होने के बाद जिस डिवाइस में उसका परिणाम हार्ड कॉपी के रूप में या सॉफ्ट कॉपी के रूप में प्रदान होता है वह आउटपुट डिवाइस कहलाता है ।
Ex.– monitor , plotter , speakers , printer , projector etc
Out का मतलब :– बहार
Put का मतलब :– रखना
आउटपुट डिवाइस में हम मूवी फाइल फोल्डर एप्स मैनू डेक्सटॉप इमेजेस वीडियो डेटा आदि देख सकते है ।
Computer की generations (पीढ़ी )
कंप्यूटर का उपयोग आज देश विदेशों में किया जा रहा है कंप्यूटर की मुख्य विशेषता रही है की कंप्यूटर की 5 पीढ़ियों ने कंप्यूटर के तकनीकी विकास द्वारा उन्होंने कंप्यूटर के काम करने का तरीका बदल दिया है । कंप्यूटर की पीढ़ियों का कार्य कई सालों से होता आ रहा है पहले कंप्यूटर का आकार कमरे के बराबर था और आज कंप्यूटर हमारे हाथों में आ जाता है कंप्यूटर के विकास को कई जनरेशन में बांटा गया है ।
1). First generation of computer {पहली पीढ़ी } (1940 – 1956 ) :
कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी में एनिएक (ENIAC –Electronic Numerical Integrated And Computer ) नामक कंप्यूटर का निर्माण हुआ । इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था वेक्यूम ट्यूब काच का यंत्र था जिसे गैस को निकालकर वैक्यूम बनाया गया था वेक्यूम ट्यूब में इलेक्ट्रॉनिक प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रोड होते थे और प्रारंभिक कंप्यूटर में इसे एक स्विच या एम्फलीफ़ायर के रूप में उपयोग किया जाता था यह वेक्यूम ट्यूब का उपयोग गणनाओ के साथ-साथ भंडारण और नियंत्रण के लिए किया जाता था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का कार्य में बड़े और भारी होते थे जिन्हें रखने के लिए बड़े कमरों की आवश्यकता होती थी तथा में गर्मी का बड़ी मात्रा में उत्सर्जन करते थे इसलिए उन्हें एयर कंडीशन की भी आवश्यकता होती थी
2) second generation of computer – द्वितीय पीढ़ी (1956 – 1964 ) :
प्रथम पीढ़ी के बाद द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों की शुरुआत हुई जिसमें वेक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा विलियम शार्क लेने ट्रांजिस्टर का आविष्कार किया था
इससे कंप्यूटर के आकार में भी काफी सुधार आया ।
यह अपेक्षाकृत छोटे और ऊर्जा की कम खपत वह खाने वाले होते थे कि अधिक तेज व विश्वसनीय होते थे इन कंप्यूटर पर प्रोग्रामिंग करना संभव था
3) third generation of computer – तृतीय पीढ़ी (1965 -1971 ) :
तृतीय पीढ़ी में कंप्यूटरों को IC प्रदान किया गया IC आईसी अर्थात एकीकृत सर्किट इसका आविष्कार जैक किर्बी ने किया था तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम द्वितीीय पीढ़ी के कंप्यूटरों कीी अपेक्षा आकार एवं वजन में कम थे इनका रखरखाव आसान था
इंटीग्रेटेड सर्किट के अंदर बहुत सारे छोटे छोटे ट्रांजिस्टर लगाए जाते थे उन्हें सिलिकॉन चिप्स पर लगाया जाता था जिन्हें अर्धचालक कहां जाता है इससे कंप्यूटर की गति बढ़ जाती है और जिससे कंप्यूटर का आकार छोटा होता गया
इन कंप्यूटरों में ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाने लगा था नए-नए हाई लेवल लैंग्वेज का विकास हुआ था जैसे बेसिक ,इंटीग्रेटेड सर्किट के कारण कंप्यूटर अधिक तेज होता गया
4) fourth generation of computer – चतुर्थ पीढ़ी( 1971-1980 ) :
चतुर्थ पीढ़ी में माइक्रो प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाने लगा यह कंप्यूटर वर्तमान में उपयोग किए जा रहे हैं तथा और विकसित होते जा रहे हैं
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में स्वयं सोचने की क्षमता पैदा की जा रही है कंप्यूटर का हर क्षेत्र में कार्य करने योग्य बनाया जा रहा है और यह सफल भी होता जा रहा है
इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी छोटे थे मैं अपने हाथ की हथेली में फिट हो सकते हैं इन कंप्यूटर को छोटा से छोटा और अधिक तेज और सस्ता बनाया गया और इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा कंप्यूटर संचालन के लिए जीरो और 1 को कोडिक किया गया था यह बायनरी संख्या के रूप में जाना जाता है इस चरण के साथ अन्य पेरीफेरल डिवाइस जैसे जॉय स्टिक इत्यादि को विकसित किया गया था
इस पीढ़ी में कई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के आने से कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग करना बहुत ही आसान हो गया है कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति इस पीढ़ी को माना जाता है कंप्यूटर का उपयोग अब हम सभी पर्सनल कंप्यूटर के रूप में भी करने लगे हैं ।
5) fifth generation of computer – पंचम पीढ़ी (1985 से अबतक) :
पंचम पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई पंचम पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली एवं उच्च तकनीक वाले कंप्यूटर से लेकर भविष्य में आने वाले कंप्यूटर उत्तक को शामिल किया गया है
आज कंप्यूटर कितने उन्नत है कि वह हर क्षेत्र मूल रूप से काउंटिंग इंजीनियरिंग भवन निर्माण अंतरिक्ष ज्ञान विज्ञान तथा दूसरे प्रकार के शोध कार्यों में उपयोग किए जा रहे हैं ।
इस पीढ़ी में कंप्यूटर के आकार और संरचना को तैयार किया जाता है इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ध्वनि दृश्य चित्र आदि सम्मिलित रूप से इन सभी मल्टीमीडिया का स्पीड में अधिक विकास हुआ है
स्पीडी में हाई लेवल लैंग्वेज प्रोग्रामिंग भाषा का प्रयोग किया जा रहा है इसके 87 से अधिक सरल बनाया जा रहा है यह नेटवर्क के माध्यम से जुड़े होते हैं कुछ कंप्यूटर्स को तो मनुष्य की तरह व्यवहार करने तथा सभी काम खुद करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है जिन्हें रोबोट कहा जाता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित रोबोट सोफिया है ।
Computer का block diagram :
कंप्यूटर सिस्टम के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं , इनपुट , आउटपुट और सीपीयू (cpu – central processing unit ) । cpu में 3 प्रकार होते है , एलयू (ALU – arithmetic & logic unit ) ,control unit और memory ।
इनपुट डिवाइस इसकी सहायता से निर्देशों को कंप्यूटर में एंटर कराया जाता है एंटर कराने के बाद सीपीयू निर्देशों पर प्रोसेसिंग करके कच्चे चिट्ठे के रूप में स्टोर करके रखता है और मॉनिटर प्रिंटर प्लॉटर पर हमें आउटपुट प्रदान करता है ।
`
- input devices
- CPU (central processing unit )
- ALU (arithmetic & logic unit )
- control unit
- memory
- output devices
Input devices :
इनपुट डिवाइस की सहायता से कंप्यूटर सिस्टम को निर्देश या सूचना प्रदान किया जाता है कंप्यूटर सिस्टम को प्रस्तुत इंस्ट्रक्शन या डाटा को वायनरी रूप में परिवर्तित किया जाता है फिर इससे आगे की प्रोसेस के लिए कंप्यूटर सिस्टम को भेज दिया जाता है
इनपुट डिवाइस डाटा को सिस्टम में स्थानांतरित करने का कार्य करता है और बाद में इस डाटा को प्रोसेस किया जाता है तथा आउट पुट प्रदान किया जाता है ।
वह सीपीयू को यह संकेत देते हैं कि आगे वह क्या करें ?
● keyboard
● mouse
● joystick
● Trackball
● scanner
● Bar code reader
CPU ( control processing unit ) :-
सीपीयू का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है हिंदी में इसका नाम केंद्रीय संसाधन इकाई होता है सीपीयू को कंप्यूटर के मस्तिष्क यात्री के रूप में भी जाना जाता है यह कंप्यूटर के सभी कार्यों का संचालन करता है
यह प्रिंटर मॉनिटर सीपीयू कंप्यूटर सिस्टम की अन्य सभी इकाइयों को भी नियंत्रित करता है सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट सीपीयू उन सभी निर्देशों या डाटा को प्रोसेस करती है जो कंप्यूटर सिस्टम को निर्देश के रूप में दिए जाते हैं ।
CPU के अन्य घटक ALU (अंक गणितीय और तार्किक इकाई ) और मेमोरी यूनिट है ।
ALU (arithmetic & logic unit) :
ALU का पूरा नाम अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट होता है।
नाम से स्पस्ट है की ALU का कार्य कंप्यूटर में अर्थमेटिक एवं लॉजिक ऑपरेशन परफॉर्म करना होता है।
ALU की स्पष्ट परिभाषा :- ALU एक कण्ट्रोल यूनिट का भाग है , कंप्यूटर में जितने भी अंकगणितीय ऑपरेशन किये जाते है जैसे- जोड़ना , घटाना , गुना , भाग आदि ऑपरेशन जिस यूनिट के द्वारा किये जाते है उसे ALU अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट कहा जाता है।
Control unit :
मेमोरी यूनिट :
मेमोरी क्या है – कंप्यूटर में यूजर द्वारा किय गए कार्य को स्टोर करने के लिए कंप्यूटर में एक डिवाइस लगी हुई होती है जिसे हम मेमोरी यूनिट कहते है।
आउटपुट डिवाइस :
आउटपुट डिवाइस क्या है – जब यूजर द्वारा कम्प्यूटर में कोई इनपुट दिया जाता है तो कम्प्यूटर में पूरी प्रोसेस कम्प्लीट हो जाने के बाद जिस डिवाइस में उसका परिणाम दिखाया हटा है उसे हम आउटपूट डिवाइस कहते है।