GST क्या है?
जब हमें कोई प्रोडक्ट या सेवा लेते हैं तो हमें उसका टैक्स देना होता है यही टैक्स (Goods Service Tax) GST कहलाता है, किसी भी सामान्य सर्विस या प्रोडक्ट पर एक टैक्स की दर एक जैसी होती है. स्पष्ट तरीके से कहे तो वस्तु की खरीदारी पर या सेवाओं का उपयोग करने पर चुकाया गया कर जीएसटी कहलाता है.
GST Official Website :
GST Full form :
GST का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (Goods Service Tax) है.
GST के प्रकार (Types of GST in hindi) :
जीएसटी को चार भागों में बांटा गया है-
- IGST (एकीकृत माल एवं सेवा कर)
- CGST (केंद्रीय माल एवं सेवा कर)
- UTGST (केंद्र शासित प्रदेश माल एवं सेवा कर)
- SGST (राज्य वस्तु एवं सेवा कर)
1). CGST (Central Goods Service Tax) :
सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स इसका अर्थ है कि जब किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति राज्य के भीतर होती है तो इस स्थिति में केंद्र सरकार को दिया जाने वाला टैक्स सीजीएसटी (Central Goods Service Tax) कहलाता है.
2). SGCT (State Goods Service Tax) :
स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स जब किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति राज्य के भीतर होती है, तो उस राज्य सरकार के हिस्से में जाने वाला टेक्स् एसजीएसटी State Good Srvice Tax कहलाता है.
3). IGST (Integrated Goods and Service Tax)
इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स अलग-अलग राज्यों के व्यापारियों को लेकर सर्विस या डील करते हैं तो यह आईजीएसटी Integrated Good and Service Tax कहलाता है.
आईजीएसटी को दो भागों में बांटा गया है-
Type Of IGST “Integrated Goods and Service”
- सेंट्रल
- स्टेट
सेंट्रल का हिस्सा सेंट्रल गवर्नमेंट जबकि राज्य (State) का हिस्सा स्टेट गवर्नमेंट रख लेती है आईजीएसटी की वस्तु का अधिकार केवल केंद्र के पास होता है.
4). UTGST (Union Territory Goods and Service)
यूनियन टेरिटरी गुड्स एंड सर्विस टैक्स अगर कोई लेन-देन किसी केंद्र शासित राज्य के दोनों पक्षों के कारोबारियों में हो रहा है, तो उन्हें यूजीएसटी चुकाना पड़ता है.
GST क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is GST important?) :
जीएसटी वर्तमान पाठ संरचना और अर्थव्यवस्था को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, भारतीय संविधान में टैक्स संबंधी पुराने नियम थे, जिनमें कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार को दे दिया गया था, लेकिन अब वस्तुओं की बिक्री पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्य सरकार को दे दिया गया.
जिसके चक्कर में टेक्स का अलग-अलग चिट्ठा बनते जा रहा था, कभी सामान पर ढेर सारे टैक्स तो, कहीं टैक्स पर ही टैक्स लग रहा था, इन्हीं संगत को दूर करने के लिए जीएसटी को एक नए रूप में लाया गया, जो माल एवं सेवा दोनों पर कर लगा सके, जिसके लिए काफी संशोधन हुए.
GST की दर (GST Rate In hindi:) :
भारत सरकार ने नई जीएसटी कानून में अति आवश्यक चीजों पर कम से कम टैक्स व कम आवश्यक वस्तु पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स लगाकर जीएसटी को न्याय पूर्ण बनाने की कोशिश की है, आइये जानते है- GST Rates In Hindi, जीएसटी टैक्स स्लैब रेट 2021, GST Tax Slab Rates In Hindi, जी.एस.टी. एवं कर की दर, GST Rates in India in Hindi.-
Type of GST Rate :
- 0% GST Slab
- 5% GST Slab
- 12% GST Slab
- 18% GST Slab
- 28% GST Slab
1). 0% GST Slab :
यह जीएसटी उन वस्तु या सेवाओं पर लगता है जो जीवन के लिए अति आवश्यक है. जैसे – नमक अनाज आदि.
2). 5% GST Slab :
यह जीएसटी जीवन के सामान्य वस्तु जैसे पेक पनीर , मसाले, कॉफ़ी, बंद डब्बे वाला खाना आदि पर लगता है.
3). 12% GST Slab :
रोजमर्रा में काम आने वाली वस्तुओं पर यह दर लागू होगी, जैसे की- नमकीन, दंत मंजन, छाता, दवाइयां इत्यादि
4). 18% GST Slab :
यह जीएसटी मध्यम स्तर में काम आने वाली वस्तुओं पर यह दर लागू होती है, जैसे कि- चॉकलेट, आइसक्रीम, शैंपू, डिटर्जेंट पाउडर आदि.
5). 28% GST Slab :
यह जीएसटी हानिकारक व विलासी पूर्ण श्रेणी में आने वाली सेवाओं और वस्तुओं पर लागू होता है, जैसे कि पान मसाला, ऑटोमोबाइल, फाइव स्टार होटल में रहना आदि.
GST किन-किन चीजो पर नहीं लगता?
खुला खाद्य, अनाज, ताजी सब्जियां, गुड़, दूध, अंडे, लस्सी, खुला पनीर, खजूर, नमक का जल, मैदा, बेसन, शहद, रंग, किताबे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स नहीं लगता है.
GST की प्रमुख विशेषतायें (Features of GST) :
- उत्पादन की बजाय उपभोग पर टेक्स्
- इनपुट क्रेडिट सिस्टम से टैक्स वापसी
- टैक्स पर टैक्स अर्थात उपकर बंद
- पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया
- टैक्स रेट पर कोई धांधली नहीं
- TDS OR TCS दायित्व
- माल और सेवा कर की समस्या के लिए ट्रिब्यूनल की स्थापना
- निर्यात पर कर की दर शून्य
GST की आवश्यकता क्यों पड़ी?
जीएसटी द्वारा संपूर्ण श्रंखला में निर्बाध क्रेडिट को सुविधा पूर्ण बनाकर सभी राज्यों के मध्य कर आधार को मार्ग प्रशस्त कराने के कारण जीएसटी की आवश्यकता बढ़ गई है, संपूर्ण अर्थव्यवस्था में एक समान कर के रूप में जीएसटी को विकसित किया जाए, वह कंप्यूटरीकृत व्यवस्था पर नेटवर्क विस्तृत हो.
GST के लाभ (Advantages of GST in hindi) :
- वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में कमी
- देशभर में एक की कीमत
- सरलीकरण प्रमाण प्रणाली
- पारदर्शिता
- आसान उधार
- बैंक व व्यवसाय से ऋण
- बाजार में आसानी से प्रवेश
- विदेशी निवेश
- आयात और निर्यात उद्योग में बढ़ावा
GST में रेजिस्ट्रेशन क्यों अनिवार्य है (Why Registration is Mandatory in GST) :
अगर आप की कुल Taxable Non और Exempted Income कुल मिलाकर ₹5000000 सालाना से अधिक बैठती है, इसलिए GSTN में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
GST रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required for GST Registration) :
- पासपोर्ट साइज फोटो
- करदाता का संविधान
- व्यापार स्थान के सबूत
- बैंक अकाउंट का विवरण
- प्राधिकरण फॉर्म
GST के लिए कैसे करे रेजिस्ट्रेशन (How to register for GST) :
- जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए जीएसटी नेटवर्क की GST Portal से मदद ले.
- GST Official Website पर जाएं,
- जिसमें मांगी गई जानकारियां भरें और ईमेल या एसएमएस से कंफर्मेशन करें .
- उसके बाद आपको एक Acknowledgement Number भेज दिया जाएगा.
- जैसे ही आपका Apply Form Accept होगा, GSTIN Generate करके भेज दिया जायेगा, साथ में provision login id और passwordभी भेज दिया जायेगा.
- जिसका प्रयोग करके आप जीएसटी पोर्टल में लॉगिन कर सकते हैं.
GST के तहत व्यक्ति के पंजीकृत नही होने पर जीएसटी के अंदर आने वाला व्यक्ति जो टैक्स का भुगतान नहीं कर रहा है या कम भुगतान कर रहा है, उससे डियर राशि का 10% जुर्माना देना होता है.
GST में TDS और TCS क्यों है शामिल? (Why TDS and TCS are included in GST?)
1 अक्टूबर 2018 से जीएसटी की एक नई व्यवस्था लागू हुई है, सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर चुकी है. जीएसटी में TDS और TCS कैसे शामिल है इसके लिए पहले आपको TDS और TCS को जानना होगा आइये जानते है TDS क्या है? TCS क्या है?-
What TDS in hindi :
Refers to tax deducted at source जिसका मतलब है कि स्त्रोत पर कटौती यहां income स्त्रोत से संबंधित है, टीडीएस को वह व्यक्ति काटता है जो कि भुगतान कर रहा होता है, बाद में वह व्यक्ति इस टीडीएस को सरकार के पास जमा करता है.
What is TCS in hindi :
TCS full form “Tax collected at source” स्त्रोत पर कर संग्रहण यह भी आय के स्त्रोत से ही जुड़ा है, लेकिन यह भविष्य की संभावित कमाई से जुड़ा हुआ है. टीडीएस वह व्यक्ति रखता है जो भुगतान लेता है.
यह दोनों TDS और TCS सोर्स पर कार्य कर रहे हैं, Source की कटौती व स्त्रोत का संग्रहण यह जीएसटी टीडीएस और टीसीएस में शामिल इसलिए है, कि अगर कोई माल सप्लाई होता है और उस माल की कीमत 2.5 लाख रुपए या उससे अधिक है तो उस सप्लायर को टीडीएस काटने का अधिकार होता है, यदि में TDS एक Buyer end activity है.
मतलब कि इसे काटना और जमा करना खरीददार की जिम्मेदारी है, यह कोई व्यक्ति या कंपनी भी हो सकती है.
FAQ :
Q. GST भारत मे सबसे पहले कहा लागू हुआ?
Ans : जीएसटी भारत में सबसे पहले असम में लागू हुआ
Q. Who conducts the GST?
Ans : जीएसटी का संचालन वस्तु एवं सेवा कर परिषद करता है.
Q. GST के प्रथम अध्यक्ष कौन है?
Ans : जीएसटी के प्रथम अध्यक्ष ( first chairman of GST) अरुण जेटली जी है.
Q. GST के वर्तमान अध्यक्ष कौन है?
Ans : जीएसटी की वर्तमान अध्यक्ष (Present Chairman of GST) निर्मला सीतारमण जी है
Q. GST के नियमो को तैयार करने के लिए कुल कितने परिषद नियुक्त है?
Ans : जीएसटी के नियमों को तैयार करने के लिए कुल 33 परिषद नियुक्त है.
Q. किन किन वस्तुओ पर GST नही लगता है?
Ans : खुला खाद्य, अनाज, ताजी सब्जियां, गुड़, दूध, अंडे, लस्सी, खुला पनीर, खजूर, नमक का जल, में बेसन, शहद, रंग, किताब, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स नहीं लगता है, साथ ही पैट्रोलियम, डीजल, प्राकृतिक गैसों को भी टैक्स के दायरे में नहीं लिया गया है.
Q. सोने पर GST कितना लगता है?
Ans : यदि आप कोई सोने की ज्वेलरी या वस्तु खरीदते हैं तो इस पर उसकी कीमत पर तीन फीस दी कर लगता है
Q. चांदी पर GST कितना लगता है?
Ans : सोना और चांदी दोनों ही प्रकार के ज्वैलर के सामान खरीदने पर 3% का टैक्स लगता है.
Q. जीएसटी के कितने प्रकार हैं?
Ans : जीएसटी को चार भागों में बांटा गया है-
- IGST (एकीकृत माल एवं सेवा कर)
- CGST (केंद्रीय माल एवं सेवा कर)
- UTGST (केंद्र शासित प्रदेश माल एवं सेवा कर)
- SGST (राज्य वस्तु एवं सेवा कर)