karwa chauth 2022 :
क्यों मनाते हैं करवा चौथ क्या है इसके पीछे कहानी (Why celebrate Karwa Chauth):
कहते है, बहुत समय पहले की बात है, वीरावती नामक एक राजकुमारी थी जिसके 7 भाई थे सभी भाई अपनी इकलौती बहन का बहुत ख्याल रखते थे, वीरावती की उम्र बढ़ने के साथ ही उसकी शादी एक राजकुमार से करा दी जाती है। शादी के बाद विरावती अपने पति की लंबी उम्र हेतु करवा चौथ व्रत रखने अपने मायके जाती है, कमजोर स्वास्थ्य के साथ वीरावती करवा चौथ के व्रत को रखती है और कमजोरी की वजह से रात को चांद दिखने के पहले ही वीरावती भूख प्यास से व्याकुल होने लगती है।
वीरावती कि व्याकुलता उनके भाई को सहन ना हुई और वीरावती के छोटे भाई ने व्रत को तोड़ना ही उचित समझा, लेकिन चांद को अर्ध्य अर्पित किए बगैर वह भोजन नहीं कर सकती थी, इसलिए छोटे भाई ने नगर से बाहर जाकर अग्नि जला दी और छलनी में जाकर उसमें प्रकाश को दिखाकर बताया कि बहन चांद आ चुका है।
चांद को अर्घ देकर भोजन कर लो जिसे वीरावती सच मान लेती है और अग्नि को अर्ध्य देकर भोजन कर लेती है, लेकिन भोजन का निवाला मुंह में रखने से पूर्व ही अशुभ संकेत मिले लगता है, जिसमें पहले कौर में बाल निकला जबकि दूसरे कौर मे उसे छिक आती है, और तीसरा कौर लेते ही उसे खबर मिली कि उसका पति मर चुका है।
पति के मृत शरीर को देखकर वीरावती को अत्यंत दुख हुआ और अपने इस कृत्य के लिए वह खुद को दोषी ठहराने लगी, उसका यह विलाप सुनकर इंद्राणी (इंद्र देव की पत्नी) वहां पहुंची और वीरावती को सांत्वना देने लगी, इरावती ने जब इंद्र इंद्राणी से पूछा कि करवा चौथ के दिन ही उनके पति की मृत्यु हुई, इसके जवाब से देवी इंद्राणी ने कहा तुमने बिना चंद्रमा को अर्ध्य दिए बगैर करवा चौथ का व्रत तोड़ा है, इस वजह से आपके पति की असामयिक मृत्यु हुई।
इंद्राणी ने वीरावती से कहा कि तुम करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ प्रत्येक माह की चौथ को भी व्रत रखना शुरू करो, ऐसा श्रद्धा पूर्वक करने से आपका पति पुनः जीवित हो जाएगे, इंद्राणी के कहे गए कथनों के अनुसार वीरावती ने करवा चौथ के व्रत के साथ-साथ पूरे भक्ति भाव से प्रत्येक माह की चौथ को व्रत रखे जिससे पूर्ण रूप में वीरावती को अपना पति पुनः जीवित मिल पाया।
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