मार्शल लॉ क्या है? (What is Martial Low)
मार्शल यह कैसा कानून है जिसके तहत सेना को यह अधिकार मिलता है कि वह देश में या देश के किसी भी क्षेत्र में शासन को नियंत्रित कर सके, सेना को यह अधिकार सरकार द्वारा दिया जाता है, जब किसी देश का कानून उस देश की न्यायिक व्यवस्था सेना के पास चली जाए या उनके नियंत्रण में हो जाए तब इस नियम को लागू किया जाता है, इस नियम को सैनिक कानून के नाम से भी जाना जाता है।
मार्शल लॉ का मतलब (Martial low meaning in hindi) :
मार्शल लॉ का मतलब मुख्य तो यही होता है कि जब किसी देश की न्यायिक व्यवस्था को सेना या सैन्य बल द्वारा ऑपरेट किया जाता है या उनके अंतर्गत चला जाता है, उसे ही मार्शल लॉ कहते हैं। अर्थात “उस स्थान पर नागरिक सरकार या नागरिक सरकार का कानून का उपलब्ध ना होना” मार्शल लॉ कहलाता है।
मार्शल लॉ कब लागू होता है? (When does martial law apply?)
मार्शल लॉ को आपातकालीन स्थिति जैसे युद्ध या देश में अशांति राष्ट्रीय परेशानी का अभाव होता है, तब देश के लिए निर्णय सेना द्वारा लिया जाता है, अर्थात पूर्ण रूप से देश के लिए निर्णय सेना द्वारा ऑपरेट किया जाता है, अर्थात देश में आपातकालीन स्थिति के अंतराल नागरिक सरकार द्वारा देश के लिए फैसला लेना कठिन हो जाता है।
इस स्थिति में सेना द्वारा उस स्थान को टेकओवर किया जाता है और सेना द्वारा ही निर्णय लिया जाता है, अर्थात “उस क्षेत्र में सैनिक शासन का अस्थाई रूप से लागू हो जाना ही मार्शल लॉ कहलाता है” और ऐसी स्थिति में ही मार्शल लॉ को लागू किया जाता है।
मार्शल लॉ के अंतर्गत सेना के अधिकार: (Military Rights in Martial Law)
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मार्शल लोग क्या होता है आइए जानते हैं मार्शल लॉ जब लागू होता है तब मार्शल लॉ के अंतर्गत सीना के क्या अधिकार होते हैं –
- Martial law के तहत मार्शल लॉ क्षेत्र में निर्णय ले सकती है।
- मार्शल लॉ क्षेत्र में सेना द्वारा लिए गए निर्णय का उल्लंघन करने वाले नागरिक को गिरफ्तार करके सजा देने का अधिकार सेना को होता है।
- Martial law के अंतर्गत आंदोलन भाषण या कोई अनुसूचित कार्य को सैन्य शासन द्वारा निलंबित करने का अधिकार होता है।
- मार्शल लॉ के अंतर्गत सेना को “सैन्य शासन न्याय प्रणाली” जो सरकार की न्याय प्रणाली के अधिकार पर मुजरिम और न्याय प्रणाली के अधिकार को संभालती हैं, और नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को कभी भी जेल में डाल कर सजा देने का अधिकार होता है।
- मार्शल लोग के अंदर सेना सैन्य शासन का विरोध करने वाले नागरिक को मिलिट्री कोर्ट मे बुलाकर उस पर कार्रवाई कर सकती है।
- पूर्व नागरिक सरकार द्वारा बनाए गए गैर कानून विरासत को रोकने वाले पीएस कॉपर कानून को सैन्य शासन द्वारा निलंबित किया जा सकता है।
मार्शल लॉ किन-किन देशों में लगाया गया?
मार्शल लॉ अभी तक 20 से अधिक देशों में लगाया जा चुका है जब उन देशों में आपातकालीन स्थिति जैसे युद्ध नागरिक अशांति का दौर आया था –
- यूक्रेन
- अमेरिका
- तुर्की
- थाईलैंड
- ताइवान
- सीरिया
- साउथ कोरिया
- पोलैंड
- फिलीपींस
- पाकिस्तान
- मॉरीशस
- इजरायल
- आयरलैंड
- ईरान
- इंडोनेशिया
- इजिप्ट
- चीन
- कनाडा
- ब्रूनेई
- ऑस्ट्रेलिया
भारत में मार्शल लॉ (Martial law in India)
अन्य आपको ऊपर बताया कि अब तक 20 से अधिक देशों में मार्शल लॉ को लागू किया जा चुका है, लेकिन आज तक इतिहास में भारत में कभी भी ऐसी स्थिति नहीं आई कि जब नागरिक सरकार कानून को सैन्य शासन में बदला जाए यानि कि मार्शल लॉ लागू किया जाए।
Martial Law FAQ :
प्रश्न: मार्शल लॉ का मतलब क्या है?
उत्तर : मार्शल लॉ का मतलब जब देश में नागरिक शासन के बजाय सैन्य शासन के द्वारा निर्णय लिए जाते हैं उसे मार्शल लॉ कहते हैं।
प्रश्न : मार्शल लोग कब लगाया जाता है?
उत्तर : जब देश में नागरिक अशांति, आंदोलन, युद्ध, जैसी आपातकालीन स्थिति बनती है और सरकार उसे नहीं संभाल पाती तब देश का कानून सैनिक बल के पास चला जाता है।
प्रश्न : मार्शल लोग क्यों लगाया जाता है?
उत्तर : जब नागरिक शासन देश के हित में निर्णय लेना कठिन हो जाता है, तब देश की स्थिति सुधारने के लिए सैनिक शासन को देश की कमान संभालने का अधिकार होता है।
प्रश्न : मार्शल लॉ किसके द्वारा लगाया जाता है? (who can declare martial law?)
उत्तर : देश के प्रधानमंत्री द्वारा।
प्रश्न : मार्शल लॉ कितने देशों में लगाया जा चुका है?
उत्तर : अब तक के इतिहास में लगभग 20 देश ऑस्ट्रेलिया ब्रूनेई कनाडा चीन इंडोनेशिया इजिप्ट ईरान आयरलैंड इजरायल मॉरीशस पाकिस्तान फिलीपींस पोलैंड दक्षिण कोरिया सीरिया ताइवान तुर्की थाईलैंड यूक्रेन और अमेरिका में मार्शल लॉ को लागू किया जा चुका है।
प्रश्न : भारत में मार्शल लॉ कब लगाया गया था?
उत्तर : भारत के अब तक के इतिहास में मार्शल लॉ को लागू नहीं किया गया है।